कपालभाति प्राणायाम के 27 फायदे, विधि और सावधानियां – Kapalbhati pranayama benefits in Hindi

शायद हम में से बहुत से लोग कपालभाति प्राणायाम के फायदे पूरी तरह से नहीं जानते। कपालभाति प्राणायाम शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही अबस्यक है। और आज इस लेख में कपालभाति प्राणायाम के फायदे, विधि और सावधानियां के बारे में पूरी बातें बताने की कोशिश किया गया है।

प्राणायाम से लोग निरोगी, खूबसूरत और युवा बनकर रह सकते है। इस प्राणायाम से कई तरह के लाभ होते है। जो लोग कपालभाति करते है, उनके माथे पर एक चमक आती है । यह एक ऐसा लाभकारी श्वास अभ्यास है, जिस से मस्तिष्क के सभी हिस्सों को लाभ होता है।

ये प्राणायाम कई गंभीर बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है। इस से आप की आयु की वृद्धि भी होती है। आज इस लेख में नियमित कपालभाति प्राणायाम के लाभ, कपालभाति प्राणायाम करने की विधि, कब न करे इन सब बातो को ही सूचीबद्ध किया गया है।

कपालभाति प्राणायाम के फायदे और नुकसान

कपालभाति प्राणायाम से मूल आधार चक्र जाग्रत होता है और इस से हमारी कुं‍डलिनी शक्ति भी जागृत होती है। कपालभाति करने के बहुत ही ज्यादा फायदे हमे होते है। कपालभातिप्राणायाम हमारे शरीर की सफाई करता है। कपालभाति से हम जोर से अपनी साँसों को बाहर निकाल देते है, जिस से हमारे मस्तिष्क में से सारे टोक्सिन या विषैला तत्व जो नाक से सांसों के जरिए हमारे मस्तिष्क में जमा होता है।

ये मस्तिष्क के साथ शरीर से भी विषैले (toxic) तत्व को बहार निकल देता है। जिस से हम कई बीमारियों से छुटकारा पाते है। आज हम इस लेख में कपालभाति की विधि लाभ और सीमाएं जानेंगे।

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कपालभाति प्राणायाम क्या है – What is Kapalbhati Pranayama in Hindi

कपालभाति प्राणायाम योग का ही एक भाग है। यह व्यायाम श्वास संबंधित है, जिस से हमारे शरीर को कई लाभ होता है। कपालभाति शरीर को शुद्धिकरण करने का एक क्रिया है।

कपालभाति दो शब्द से बना है,  ‘कपाल’ और ‘भाती’। ‘कपाल’ यानी ‘मस्तिष्क’ और ‘भाती’ का मतलब है एक ‘तेज’ पैदा करना। अर्थात कपालभातिका मतलब है मस्तिष्क में तेज या जाति भर देना।

ये प्राणायाम के 6 भाग में से एक है, जिसके बारे में स्वामी रामदेव जी से ज्यादातर लोगों में प्रचलन हुआ है। और आज हम कपालभाति प्राणायाम के लाभ के बारे में जानेंगे।

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कपालभाति प्राणायाम के प्रकार – Types of Kapalbhati Pranayama in Hindi

कपालभाति तीन प्रकार के होते हैं।

वातक्रम कपालभाति – वातक्रम में वायु से अपने शरीर की शुद्धि करना होता है। जिसमे एक नासिका छिद्र से सांस खींचन और दूसरी नासिका छिद्र से सांस छोड़ना होता है।

व्युत्क्रम कपालभाति – इस कपालभाति में नाक के माध्यम से पानी खींचता और मुंह के माध्यम से निकलना होता है।

शीतकर्मा कपालभाति– यह कपालभाति व्युत्क्रम कपालभाति का उलटा किया जाता है, इसमें पानी को मुंह से अंदर लेकर नाक से बाहर निकाला जाता है।

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कपालभाति प्राणायाम करने की विधि – How To Do Kapalbhati Pranayama in Hindi

कपालभाति कैसे करें, यह जानना बहुत ही आवश्यक है, क्यों कि सही ढंग से करने से ही इसका पूरा फायदा मिलता है। अथवा इस से नुकसान हो सकता है। इसलिए कपालभाति प्राणायाम करने की विधि अच्छी तरह समाज ले।

  • कपालभाति करने के लिए सर्वप्रथम एक चटाई लगा ले,और उस पर आराम से बैठे।
  • अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। आप सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठे।
  • अब अपने दोनों हाथों को सीधे अपने दोनों घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें और अपने पेट को ढीला छोड़ दें।
  • अब आपको सांसों को अन्दर लेना और बाहर जोर से छोड़ना होता है। ध्यान दे इस प्रक्रिया को कुछ इस तरह करे – सांस को लेने और छोड़ने का समय एक सेकंड का होता है। जिसमें 70 से 80 प्रतिशत समय ही सांस छोड़ने में लगत है, और सिर्फ 20 से 30 प्रतिशत समय सांस को लेने में लगत है। इस क्रिया में आपका सांस अपने आप ही अंदर चली जाती है। सांस लेने में इतना ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती।
  • इस बात का ध्यान दे की आप  जब सांस छोरते है, तब आपको अपना पेट को जितना हो सके उतना अंदर की तरफ जोर से खींचे और पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए अपनी सांस को जोर से छोड़ें।
  • जैसे ही आप साँस छोड़ते हैं, दूसरी बार सांस छोड़ने तक अपने आप ही सांस लिया जाता है और आपके फेफड़ों में सांस पहुँच जाती है।

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कपालभाति कब करना चाहिए 

कपालभाति करने का सही समय वैसे तो सुबह खाली पेट का होता है। लेकिन आप इसे अपने सुविधा के हिसाब से भी कर सकते है, मगर एक बात का ध्यान दे की आप इसे करेने से पहले कम से कम चार घंटे कुछ न खाए, खली पेट रहे, हाँ आप पानी पी सकते है।

कपालभाति कितने मिनट करना चाहिए?

आपको कम से कम 15 मिनट तक जरूर करें। और अगर आपके पास समय है तो आप इसे 30 मिनट तक करे। ज्यादा समय करने से अगर आप में कोई समस्या है, तो उसे दूर करने में बहुत मदद मिलता है। स्वस्थ लोग इसे 15 से 20 मिनट तक जरूर करें।

कपालभाति प्राणायाम चे फायदे – Benefits of Kapalbhati Pranayama in Hindi

आइए जानते है कपालभाति करने के 27 फायदे

  1. कपालभाति प्रणायाम रोज करने  से आपके मस्तिष्क और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकाल कर डिटॉक्सीफाई करता है, आपकी शरीर की सम्पूर्ण सफाई करता है।
  2. थायराइड की समस्या कम हो जाती है, ये आपके हार्मोन को बैलेंस करता है।
  3. कपालभाति करने से आपके शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता।
  4. हृदय संबंधी समस्याएं नहीं होती।
  5. इस से आपका ब्लड सर्कुलेशन अच्छी तरह से होता है और शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक होता है।
  6. कपालभाती से प्रतिरक्षा प्रणाली की शक्ति बढ़ाता है।
  7. कपालभाति से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है, जिन लोगों में Diabetes है, उन्हें लाभ मिलता है।
  8. इस से आपका Digestive system ठीक होता है, जिस से पाचन संबंधी समस्याएं नही होती है। और आपका पेट ठीक रहता है।
  9. कब्ज (Constipation) की समस्या नहीं होती।
  10. इस व्यायाम से लिवर स्वस्थ रहता है। जिस से आपको कई बीमारी नहीं होती।
  11. अगर आपको एसिडिटी है तो कपालभाति से ये ठीक होता है और भूख न लगना, बदहजमी ये सब समस्या ठीक होता है।
  12. कपालभाति आपके फेफड़ों के लिए बहुत ही फायदेमंद है, जिस से श्वसन प्रणाली स्वस्थ रहता है।
  13. अस्थमा में फायदा देता है।
  14. रोजाना कपालभाति करने से ऊर्जा मिलती है और थकान नहीं होती।
  15. नियमित प्राणायाम  करने से Iron, Vit d, Vit B12, Calcium की डेफिशियेंसी कम होता है।
  16. आजकल तनाव सभी में देखा जाता है, कपालभाति मन को शांत करके तनाव दूर करता है, डिप्रेशन कम होता है, जिस से आपकी नींद भी अच्छी होती है।
  17. इस से दिमाग तेज होता है, याददाश्त बढ़ता है। और बुढ़ापे में होने वाले मस्तिष्क सम्बंधित समस्या कम होती है।
  18. ये आपकी किडनी को भी साफ करता है।
  19. इस से आपकी बॉडी डिटॉक्स होता है, खून को साफ होता है, और आपका पेट ठीक होता है, जिस से त्वचा संबंधी समस्याएं कम होता है।
  20. यह आपकी वात, पित्त और कफ को ठीक करता है।
  21. कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
  22. आपकी आँखों में डार्क सर्कल नहीं होते और आपकी उम्र भी देखने में कम होता है।
  23. कपालभाति से बालों का झड़ना कम होता है, और समय से पहले बाल सफ़ेद होने की समस्याएं भी कम होती है।
  24. कपालभाती से आपकी हड्डिया भी मजबूत बनता है।
  25. महिलाओं के मासिक धर्म की समस्याओं में भी फायदा देता है। मासिक धर्म समय से पहले या देर से होना, ज्यादा होना या बहुत ही कम होना, दर्द, इन सब में फायदा देता है। मगर मासिक धर्म के समय आप इसे न करे।
  26. ग्रोथ अच्छी तरह से होती है, आप की लंबाई अच्छी तरह विकसित होगा, जिसके लिए किशोरो को बहुत लाभ मिलता है।
  27. इस प्राणायाम से फैटी लीवर की समस्या नहीं होती।

कपालभाति प्राणायाम से वजन घटाएं – Kapalbhati Pranayama for weight loss in Hindi

पेट की चर्बी कम करने के लिये आप रोज ही कपालभाति करे। इस से आप की पेट की चर्बी बहुत जल्द कम हो जाएँगी। आप को ये बता दे की कपालभाति करने से कई लोगो ने 20 से 30 किलो तक वजन कम किया है। आप कपालभाति से पेट की चर्बी कम करें।

इस प्राणायाम में सांस छोड़ते हुए हमें अपने पेट पर जोर देकर अंदर तक लेना होता है जिस से हमारे पेट की चर्बी बर्न होने में मदद मिलता है। ये पेट की चर्बी को पिघलता है, और कमर की आकर को सामान्य करता है। इस से हमारे पेट की मांसपेशियां भी मजबूत होता है।

बस आपको इसे नियमित करना होता है। जो लोग इसे नियमित करते है, उन लोगों के पेट में चर्बी जमा नहीं होने देता। साथ ही आपको अपनी डाइट पर भी ध्यान देना होगा।

कपालभाति प्राणायाम के नुकसान – Side Effects of Kapalbhati Pranayama in Hindi

कोई भी प्राणायाम नुकसानदायक नहीं होता।   बस उसे सही तरीके से और सावधानी के साथ करना चाहिए।    प्राणायाम करते समय कुछ नियमों का पालन करना होता है उन नियमों का पालन करें तभी आप को पूरी तरीके से फायदा मिलेगा।   नियमों का पालन ना करने से या गलत तरीके से करने से इससे आपको नुकसान होता है। ठीक इसी तरह कपालभाती को भी करते समय कुछ नियम और कुछ सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी है। अगर आप कपालभाति सही तरीके से नहीं करते तो इससे आपको नुकसान होता है। कपालभाती हो या कोई अन्य व्यायाम हो हमें सदा ही लाभ मिलता है।  सही तरीके से ना करने पर क्या-क्या नुकसान होता है आइए जानते हैं साथ में जानते हैं कपालभाती को करते समय क्या क्या ना करें और क्या सावधानियां बरतें। 

  • कपालभाति जब भी शरीर में कोई रोग हो जो लंबे समय से चल रहा है या आप किसी रोग से पीड़ित हो तो उस समय आप कपालभाति ना करें ऐसी स्थिति में कपालभाति करने से आपको नुकसान होगा।
  • अगर आप में कमजोरी है या श्वास लेने में परेशानी हो रही है तब करने से भी इससे आपको नुकसान होगा।
  • किसी किसी लोगों में कपालभाति  पहली बार करने से शरीर में दर्द  या सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
  • गलत तरीके से करने से भी आपको कोई फायदा नहीं मिलेगा हो सकता है इससे आपको नुकसान हो। 
  • कपालभाति खाने के तुरंत बाद करने से आपको नुकसान हो सकता है इससे आपको गैस की समस्या या खट्टी डकार आने की समस्या हो सकती है।   आइए अब चलते हैं कपालभाति कब नहीं करना चाहिए। 

कपालभाति प्राणायाम के सावधानियां – Precautions of Kapalbhati Pranayama in Hindi

कपालभाति करते समय आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए आइए जानते हैं उन सावधानियों के बारे में। 

  • सबसे पहले आपको यह ध्यान रखना है कि आप सही तरीके से बैठ रहे हैं।   आपको किसी एक मुद्रा में बैठकर कपालभाति करना चाहिए। अगर आप किसी मुद्रा में बैठ नहीं पाते तो यह ध्यान रखें कि आप सीधा होकर ही बैठे और यह प्राणायाम करें। 
  • आप यह ध्यान रखें कि आपको सही तरीके से कपालभाति करना चाहिए तभी आपको इसका लाभ मिलेगा।   
  • कपालभाती हो या अन्य कोई प्राणायाम करने के  तुरंत बाद आप नहाने के लिए ना जाए। 
  • कपालभाति करने के तुरंत बाद आप चाय कॉफी या किसी नशीले चीजों का सेवन ना करें, इसके साथ आप गुटखा सिगरेट इन सब का सेवन भी ना करें। 
  • कपालभाति करने के तुरंत बाद आप किसी दवाई का सेवन  करने से बचें। या किसी दवाई का सेवन  करने  भी नहीं।
  • कपालभाति के करते समय अगर आपको थकान हो तो आप कुछ समय विराम ले, एक या दो मिनट फिर उसके बाद शुरू करें। 
  • कपालभाति करते समय मन को शांत रखें आप किसी ऐसे चीज को देखकर ना करें जिससे मन में उत्तेजना सृष्टि हो।   
  • कपालभाति करते समय शोर-शराबे से दूर रहें, किसी  एकांत में करना उचित होता है। 
  • कपालभाति करने से पहले किसी भी लिक्विड चीज का सेवन ना करें जैसे चाय, कॉफी। हां आप पानी पी सकते हैं। 
  • कई लोग प्राणायाम करने के लिए या व्यायाम करने के लिए अपने मकान के छत पर जाते हैं और वहां एकांत होकर करते हैं। आप अगर ऐसा करते हैं तो यह ध्यान रखें, कि आप जब भी सिरी चढ़ के ऊपर जाते हैं, तो कुछ समय के लिए आप रेस्ट करें उसके बाद ही प्राणायाम करें। ऊपर जाते हैं आप कपालभाति या अन्य  प्राणायामको तुरंत शुरू ना करें। 
  • अगर आप एक गर्भवती महिला है तो आप कपालभाति या अन्य प्राणायाम करने से बचें। गर्भावस्था के समय आप जो भी व्यायाम करना चाहिए आप डॉक्टर के सलाह और योगा ट्रेनर के सलाह से ही करें।    

(आप बस इन बातों का ध्यान रखें और नियमों का पालन करें आपको कपालभाती के कई सारे फायदे प्राप्त होंगे) 

कपालभाति प्राणायाम कब नहीं करनी चाहिए – When not to do Kapalbhati Pranayama in Hindi

कुछ स्थिति में आपको ये प्राणायाम नहीं करना चाहिए। इस से आपको नुकसान हो सकता है। इसीलिए आये जानते है कपालभाति प्राणायाम कब नहीं करना चाहिए, कपालभाति प्राणायाम में सावधानी।

  1. जिन लोगों में हार्ट की समस्या या हार्ट सम्बंधित कोई भी समस्या है वो लोग इसे न करें। और ज्यादा नहीं है और करना चाहते है, तो doctor के सलाह से इसे धीरे धीरे करे।
  2. अगर आप का ब्लड प्रेशर हाई है तो आप इसे न करे। और अगर आपका सिर कपालभाति करने से घूम रहा है, तब भी न करे। अगर ज्यादा नहीं है और करना चाहते है, तो doctor के सलाह से इसे धीरे धीरे करे।
  3. कमर में दर्द है, या पीठ में दर्द है तब भी न करे। 
  4. हर्निया की समस्या है या Operation किआ है तब भी न करे।
  5. किसी भी पेट की surgery या operation के बाद न करे। कम से कम 6 महीने तक तो बिल्कुल न करे। 
  6. गर्भवती महिलाएं न करें। और मासिक धर्म के समय न करे।
  7. कमजोरी लगने पर भी न करे।
  8. श्वास की कोई समस्या है तो न करे या करना भी चाहे तो doctor के सलाह से ही करे।
  9. दस्त, उलटी और बुखार होने पर भी न करे।
  10. किडनी के मरीज इसे न करे, हाँ अगर आप को किडनी की कोई बड़ी समस्या नहीं है तो आप इसे धीरे धीरे करे। फिर भी आप एक बार दॉयॉर से सलाह जरूर कर ले।

कपालभाति प्राणायाम के मुख्या लाभ

ये प्राणायाम करने से हमे कुछ मुख्या लाभ मिलता है, जिस से हमारे शरीर को लगभग सभी बीमारियों से छुटकारा मिलता है। उसमे से शरीर के मुख्य भाग या अंग है।

श्वसन प्रणाली (Respiratory System)

कपालभाति से हमारे श्वसन प्रणाली स्वस्थ होता है और अच्छी तरह से काम करता है। जिस से सांस सम्बंधित कोई बी बीमारी नहीं होती।

पाचन तंत्र (Digestive System)

कपालभाति से पाचन तंत्र अच्छी तरह से काम करता है, जिस से पेट से जुड़ी कोई भी समस्या नहीं होती। और पेट ही स्वस्थ रहने का मूल आधार है।

प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System)

जब हमारा प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है, तो हम बिमारिओ से लड़ सकते है। और कपालभाति प्राणायाम हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को शक्तिशाली बनता है।

पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland)

पीयूष ग्रंथि जो हमारे शरीर को का मूल ग्रंथि है। जो पुरे शरीर को नियंत्रण करता है सभी Hormones को नियंत्रित करके। कपालभाति से पीयूष ग्रंथि में बहुत लाभ मिलता है और शरीर में कोई समस्या नहीं होती।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।

Q. पहले अनुलोम विलोम या कपालभाति करना चाहिए?

  • हमें पहले पहले कपालभाति करना चाहिए उसके बाद अनुलोम विलोम प्राणायाम करें।

Q. सबसे अच्छा प्राणायाम कौन सा है?

  • हर प्राणायाम का ही अद्भुत महत्व है। प्राणायाम के 6 प्राणायाम मिलके पुरे शरीर को स्वस्थ रखता है। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि सबसे अच्छा प्राणायाम कौन सा है। लेकिन सबसे ज्यादा लाभ आपको कपालभाति और अनुलोम विलोम प्राणायाम  से मिलता है।

Q. कपालभाति से पेट कम होता है क्या?

  • जी हाँ, कपालभाति से पेट कम होता है।

Q. प्राणायाम से क्या लाभ है?

  • प्राणायाम से सम्पूर्ण लाभ हमे मिलता है। जीवन में स्वस्थ रहने के लिये प्राणायाम बहुत ही जरूरी है, जैसे आहार और पानी। 

Q. कपालभाति कैसे कपड़ो में करना चाहिए

  • कपालभाति करते समय आप लूज कपड़े पहन कर करे।

Q. कपालभाती प्राणायाम करने के कितने समय बाद खाना खा सकते है?

  • कपालभाती करने के या प्राणायाम करने के आधे घंटे तक कुछ न ले, आधे घंटे के बाद कुछ खाये और उसके बाद ही दवाई ले।

Q. क्या रात में कपालभाति कर सकते है?

  • कपालभाति करने के बाद सोना उचित नहीं होता है। जितना हो सके आप इसे सुबह से शाम तक करने की कोशिश करें।

Q. क्या प्राणायाम से पहले पानी पी सकते हैं?

  • जी हाँ, प्राणायाम से पहले पानी पी सकते हैं।

अगर अब तक आप ने कपालभाति प्राणायाम शुरू नहीं किया है, तो यह लेख कपालभाति प्राणायाम के फायदे, विधि और सावधानियां जानकार जरुर शुरू करे। तो आशा करते है की आप प्राणायाम की शुरुआत करें और कपालभाति नियमित रूप से करें।