Pranayam in Hindi: प्राणायाम के 30 फायदे, प्रकार और इसके नियम क्या है

लगभग सभी लोग ही प्राणायाम करना चाहते है या कर रहे है। कई लोग प्राणायाम की शुरुआत करना चाहते है या कई लोग यह जानना चाहते है की, प्राणायाम क्या है या प्राणायाम का अर्थ क्या है, जो Pranayam in Hindi के इस लेख में विस्तार से बताने की कोशिश किया गया है। इसके साथ आपको प्राणायाम के फायदे और इसके प्रकार के बारे में भी आप जान पाएंगे।

प्राणायाम एक ऐसा योगाभ्यास है, जो पुराने कालों से ऋषि-मुनि करते आ रहे है। लेकिन प्राणायाम का प्रचलन ज्यादा बाबा रामदेव के बताने के बाद ही हुआ और घर घर में लोग प्राणायाम करने लगें।

प्राणायाम क्या है – What is Pranayama?

प्राणायाम सांस लेने और छोड़ने की एक एसी प्रक्रिया है, जो हमारे साधारण सांस लेने और छोड़ने से अलग होता है। प्राणायाम में हम अपने सांसों को लेते और छोड़ते समय कुछ नियमों का और प्रक्रिया का पालन करते हैं। प्राणायाम एक ऐसी योगाभ्यास है जिससे योग में मुख्य माना जाता है। इससे पूरे शरीर की शुद्धि होती है और मनुष्य को कई सारे लाभ मिलते हैं।

प्राणायाम का अर्थ क्या है?

हम सभी यह जानते हैं कि प्राणायाम साँसों की वह प्रक्रिया है, जिसे करने से हमें अद्भुत फायदे साफ होते हैं। लेकिन प्राणायाम का अर्थ बहुत ही अलग है। प्राणायाम प्राण और आयाम इन दो शब्दों से जुड़ा हुआ है, जिसमें प्राण शब्द का अर्थ है जीवन शक्ति या प्राण उर्जा प्रदान करना।

हमारे पूरे शरीर का जो कार्य है वह साँसों के द्वारा ही चलता है,हम जब भी सांस लेते हैं तो सांसों के द्वारा ऑक्सीजन अंदर जाता है और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलता है, ऑक्सीजन अंदर जाकर फेफड़ों तक पहुंचता है, फेफड़ों से यह खून तक पहुंचता है और खून यह हमारे पूरे शरीर तक ऑक्सीजन पहुंचाता है, जिसके कारण हमारे पूरे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होता है और हमारा शरीर सही रूप से काम करता है। और जिस ऊर्जा से हमारी सांसे चल रही है वही प्राण ऊर्जा हैं।

वही आयाम का अर्थ होता है विस्तार करना।और इसलिए प्राणायाम का पूरा अर्थ होता है प्राणों को आयाम देना यानी कि शरीर में प्राण ऊर्जा का विस्तार करना। जैसे अग्नि के ताप से सोना शुद्ध होकर चमकने लगता है, ठीक उसी प्रकार प्राणायाम से हमारे इंद्रियां शुद्ध हो जाते हैं।

साधारण रूप से समझे तो प्राणायाम शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने का, पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का, जिससे हमारी फेफड़ो की ताकत बढ़ती है, और शरीर से सारे अशुद्धियां बाहर निकलती है। जिससे बीमारियों से मुक्ति और एक स्वस्थ शरीर पाने में हम सक्षम होते हैं।

प्राणायाम के प्रकार क्या-क्या है – What are the Types of Pranayama

  1. भस्त्रिका प्राणायाम 
  2. कपालभाति प्राणायाम
  3. अनुलोम विलोम प्राणायाम 
  4. नाड़ी शोधन प्राणायाम 
  5. सूर्यभेदन प्राणायाम
  6. चन्द्रभेदी प्राणायाम 
  7. शीतली प्राणायाम 
  8. बाह्य प्राणायाम 
  9. उद्गीथ प्राणायाम 
  10. अग्निसार प्राणायाम 
  11. भ्रामरी प्राणायाम 
  12. उज्जायी प्राणायाम 

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प्राणायाम के फायदे – Benefits of Pranayama

प्राणायाम से हमारे शरीर को अनगिनत फायदे मिलते हैं, हमारे पूरे शरीर को यह लाभ देता है।हमारे शरीर में जितने भी सिस्टम मौजूद हैं उन सभी के लिए ही प्राणायाम बहुत फायदेमंद है, इससे हमारे शरीर मन और इंद्रियों तक फायदा होता है।  सबसे जो मुख्य फायदा है वह है प्राणायाम हमारे शरीर से अशुद्धियों को बाहर निकाल कर हमारे पूरे शरीर मन और इंद्रियों को ऊर्जा प्रदान करता है। इसमें से हम नीचे फायदों के बारे में जानेंगे।

  1. मन को शांति प्राप्त होते हैं।
  2. मन और शरीर में शीतलता प्रदान करता है। 
  3. तनाव और चिंताओं से मुक्ति मिलता है।
  4. नींद अच्छी होती है। 
  5. क्रोध पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
  6. मस्तिष्क के लिए भी प्राणायाम बहुत फायदेमंद है। 
  7. प्राणायाम से एकाग्रता बढ़ता है।
  8. याददाश्त बढ़ती है। 
  9. बुद्धि तेज होती है। 
  10. दृढ़ता और धैर्य शक्ति बढ़ती है।
  11. प्राणायाम से फेफड़ों तक भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचता है। फेफड़ों सारी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
  12. अस्थमा जैसी समस्याओं से मुक्ति पाने में भी बहुत सहायक है।
  13. सर्दी, खासी, जुकाम जैसी समस्या समस्याओं से दूर रहा जा सकता है।
  14. सर दर्द से भी मुक्ति मिलता है।
  15. सभी प्रकार के हृदय संबंधित रोगों से दूर रहा जा सकता है।
  16. ब्लड सरकुलेशन अच्छी तरह से होने लगता है, शरीर के हर जगह पर ब्लड पहुंचने लगता है। 
  17. ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती। 
  18. खून में ब्लॉकेज की समस्या नहीं होती, जिसके कारण हार्टअटैक जैसी समस्याओं से दूर रहा जा सकता है। 
  19. जिन लोगों को हकलाने की समस्या है प्राणायाम से उनको ही इस समस्या से छुटकारा मिलता है।
  20. त्वचा संबंधित समस्याओं से दूर रहा जा सकता है।
  21. आपकी त्वचा उम्र से जवान दिखती है, चेहरे पर बुढ़ापे का प्रभाव कम होता है।
  22. त्वचा पर चमक रहती है। 
  23. पेट की सारी समस्याओं से मुक्ति मिलता है।
  24. गैस की समस्या दूर होती है।
  25. कब्ज की समस्या दूर होती है।
  26. बदहजमी की समस्या दूर होती है।
  27. इम्यूनिटी पावर बढ़ता है।
  28. पाचन प्रक्रिया में सुधार आता है। 
  29. सबसे बड़ी बात प्राणायाम से आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं। मोटापा से छुटकारा पाया जा सकता है। 
  30. आयु में वृद्धि होती है।

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प्राणायाम में सावधानियां – Precautions in Pranayama

  • कोई भी आहार ग्रहण करने के बाद प्राणायाम ना करें। प्राणायाम करने से पहले आप चाय, कॉफी भी ना पिए, हां आप पानी पी सकते हैं। अगर आप कोई तरल पदार्थ पीते हैं तो इसके एक से डेढ़ घंटे के बाद प्राणायाम करें और अगर आप आहार लेते हैं तो कम से कम 4 घंटे के बाद ही प्राणायाम करें।
  • प्राणायाम करते समय आप की रीढ़ की हड्डी सीधी हो, जिससे आपका कमर सीधा रहे, गर्दन और सिर सीधा रखना है, आप अपने मुंह को सामने की तरफ रखें ऊपर या नीचे ना करें। और आप पूर्व और उत्तर दिशा पर मुंह करके ही प्राणायाम करें। 
  • प्राणायाम खुले स्थान पर करें, और घर के भीतर कर रहे हैं तो खुली खिड़की के पास बैठकर करें, क्योंकि प्राणायाम करते समय आपको ताजी खुली हवा मिलना चाहिए ताकि आप अच्छे ऑक्सीजन को अपने अंदर ले सकें। कई बार बंद कमरे में करने से चक्कर भी आ सकते हैं। 
  • जितना हो सके आप प्राणायाम को प्रातः काल या सुबह खुले स्थान पर करने की कोशिश करें। 
  • अपने मन को शांत रखें और शोर-शराबे से दूर होकर प्राणायाम करें।
  • सुबह को अपने पेट साफ करके नहा कर प्राणायाम करें, इससे आपका मन शांत रहेगा और आप ध्यान पूर्वक प्रणाम कर पाते हैं।
  • कोई भी भारी काम करने के बाद, या फिर कहीं से आने के तुरंत बाद ही, या दौड़ने के तुरंत बाद ही आप प्राणायाम ना करें कम से कम 10 से 15 मिनट रुके और उसके बाद ही करें।
  • प्राणायाम करने के तुरंत बाद ही किसी भी भोजन का ग्रहण ना करें, या ना खाएं। आपको पानी पीना है, मेडिसिन लेना है या फिर कुछ खाना है तो आप कम से कम आधा घंटा रुके और इसके बाद ही आप कुछ खा सकते हैं। 
  • किसी भी सर्जरी या ऑपरेशन के बाद आप तुरंत बाद ही प्राणायाम का अभ्यास ना करें कुछ महीने रुके और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही प्राणायाम शुरू करें।
  • प्राणायाम करने के तुरंत बाद ही नहाने के लिए ना जाए।
  • प्राणायाम करने के तुरंत बाद ही शारीरिक परिश्रम ना करें जैसे दौड़ना, भागना, जिम करना इत्यादि। 
  • अगर किसी की तबीयत खराब है तो ऐसे में प्राणायाम ना करें।
  • जो लोग गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं वह भी प्राणायाम ना करें, या करना चाहे तो अपनी डॉक्टर की सलाह के अनुसार करें।
  • जिन लोगों को श्वास संबंधित समस्याएं हैं, और गंभीरतापूर्वक जूझ रहे हैं तो ऐसे में प्राणायाम ना करें, और अगर ठंड में या कभी-कभी ऐसी समस्या होती है तो आप प्राणायाम डॉक्टर के सलाह के अनुसार कर सकते हैं।
  • अगर कोई दिल से जुड़ी किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो ऐसे में आप प्राणायाम ना करें। 
  • मासिक धर्म या गर्भावस्था के समय कुछ प्राणायाम नहीं कर सकते हैं तो ऐसे में आप अपनी डॉक्टर के सलाह करें।
  • अगर आपको प्राणायाम करते समय कोई भी समस्या हो जैसे चक्कर आना, छाती में दर्द या ज्यादा पसीना आना तो ऐसे में प्राणायाम को तुरंत ही बंद करें। 

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कुछ सवाल -FAQ

Q. पीरियड में प्राणायाम करना चाहिए?

  • पीरियड में आप अपने डॉक्टर के सलाह से कुछ सलाम कर सकते हैं। जिसमें आप 1/2 प्राणायाम कर सकते हैं, ऐसा नहीं है ऐसा नहीं है कि आप सब प्राणायाम कर सकते हैं या सभी को ही छोड़ना है, जैसे आप अनुलोम विलोम  प्राणायाम कर सकते हैं। फिर भी आप अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें।

Q. प्रेगनेंसी में प्राणायाम करना चाहिए?

  • प्रेगनेंसी में भी आप प्राणायाम कर सकते हैं, लेकिन हां आप सभी प्राणायाम नहीं कर सकते। आप अपने डॉक्टर से सलाह करें और ज्यादातर ही डॉक्टर आपको अनुलोम विलोम प्राणायाम करने की सलाह देते हैं। 

Q. योगा और प्राणायाम में क्या अंतर है?

  • योगा हमारे शरीर के लिए और प्राणायाम हमारे प्राण या श्वास के लिए होता है। प्राणायाम योगा के 8 अंगों में से एक है।

Q. सबसे पहले कौन सा प्राणायाम करना चाहिए?

  • सबसे पहले आपको भस्त्रिका प्राणायाम करना चाहिए, लेकिन अगर आपकी सांस किसी कार्य के वजह से फूली हुई हो, जैसे आप दौड़ के या ऊपर चढ़ने के बाद ही प्राणायाम के लिए बैठे हैं तो आप भस्त्रिका प्राणायाम ना करें, आप कपालभाति प्राणायाम से ही प्राणायाम का क्रम शुरू करें। 

Q. कौन सा प्राणायाम करना चाहिए?

  • प्राणायाम के सभी प्रकार बहुत ही जरूरी है और सभी के अलग-अलग फायदे आपको मिलते हैं, लेकिन अगर आप सब नहीं करना चाहते तो आप कपालभाति, अनुलोम विलोम जरूर करें 

Q. कौन सा प्राणायाम रक्त को शुद्ध करने में सहायक होता है?

  • अगर आप केवल रक्त को शुद्ध करने के लिए एक प्रणाम चाहते हैं तो आप नाड़ी शोधन प्राणायाम करें। सभी प्राणायाम हमारे लिए बहुत ही आवश्यक है विशेष रुप से, कपालभाति, अनुलोम विलोम, भस्त्रिका, उज्जैनी आदि प्राणायाम हमारे लिए बहुत ही जरूरी है जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ हमारे शरीर से गंदे क्यों को भी बाहर निकालता है।

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आज हमने इस लेख में प्राणायाम क्या है, प्राणायाम के फायदे हैं, और इसके साथ प्राणायाम करते समय हमें क्या सावधानियां लेनी चाहिए इन सब बातों को अच्छी तरह से जाना। वर्तमान परिस्थिति में हमारी जीवन शैली बहुत ही खराब हो चुकी है इसीलिए हमें रोजाना प्राणायाम जरूर करना चाहिए। इस लेख के जरिए हम सिर्फ आपको प्राणायाम की जानकारी दे रहे हैं, आप जब भी प्राणायाम शुरू करें या करना चाहते हैं तो एक बार किसी योग गुरु से जरूर परामर्श ले और उनके निरीक्षण में ही प्राणायाम का अभ्यास करें।