Bhastrika Pranayam in Hindi – भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे, विधि और सावधानियां

भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika Pranayam in Hindi) सांस संबंधित एक ऐसा प्राणायाम है जिससे हमें कई तरह के लाभ मिलते हैं। इसमें सांसों को जोर से लिया और छोड़ा जाता है, जैसे लोहार की धौंकनी अपना काम करती है। भस्त्रिका प्राणायाम से हमें कई फायदे (Bhastrika Pranayam Benefits in Hind) मिलते हैं, जो हम आज इस लेख में जानेंगे। इसके साथ क्या भस्त्रिका प्राणायाम के नुकसान हो सकता है, और इसको करने से पहले हमें क्या क्या सावधानियां लेनी चाहिए इन सब बातों को भी आज इस लेख में जानेंगे। दोस्तों भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे बहुत हैं लेकिन, इसके लिए आपको भस्त्रिका प्राणायाम करने का तरीका या सही तरीके से कैसे करें जान लेना होगा, तभी आपको भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे प्राप्त होंगे।

भस्त्रिका प्राणायाम – Bhastrika Pranayam in Hindi

प्राणायाम से हमारे पूरे शरीर को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होता है। जिसके कारण हमारे पूरे शरीर का हर काम सही तरीके से होता है। भस्त्रिका प्राणायाम से शरीर में पूरा ऑक्सीजन पहुंचता है, जिससे हमें कई तरह के भस्त्रिका प्राणायाम का लाभ मिलता है। भस्त्रिका प्राणायाम में हमारे फेफड़ों का अच्छा व्यायाम होता है जिसके कारण फेफड़ों से संबंधित सारी परेशानियों से मुक्ति मिलता है।

भस्त्रिका प्राणायाम क्या है? – What is Bhastrika Pranayama in Hindi?

भस्त्रिका प्राणायाम का पूरा नाम है भस्त्रिका कुम्भक। भस्त्रिका प्राणायाम को योगियों का प्राणायाम कहा जाता है। क्योंकि इससे कुंडली भी जागृत होता है। 

भस्त्रिका प्राणायाम का सरल अर्थ है धौंकनी। भस्त्रिका प्राणायाम मी हमें हमें अपने सांस को जोर से लेना और छोड़ना होता है, यह प्रक्रिया ठीक लोहार की धौंकनी की तरह होती है, जिससे हवा तेजी से छोड़ा जाता है। इसी तरह हमें भी अपने अंदर तेजी से हवा को देना और छोड़ना होता है, जिससे हमारे शरीर में एक गर्माहट पैदा होता है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है और इसके साथ हमारे पूरे शरीर में अच्छी तरह से ऑक्सीजन प्रवाहित होती है। 

भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि क्या है – Bhastrika Pranayama Vidhi in Hindi

सभी प्राणायाम करने का एक सही तरीका होता है। भस्त्रिका प्राणायाम करने का भी एक विधि है, जिसे एक सही तरीके से करने से हमे बहुत फायदा मिलता है। आइए इसके विधि जानते हैं।

  • अगर आप फर्श पर बैठ पाते है तो एक कारपेट बिछा ले। और अगर आप नीचे नहीं बैठ पाते तो आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी स्थान पर बैठ सकते है।
  • अब आप पद्मासन, सुखासन या वज्रासन में बैठे।अगर किसी भी आसन में बैठ नहीं पाते, तो एक कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं। बस आप अपने पैर, रीढ़ की हड्डी, गर्दन और सिरको सीधा करके रखें। 
  • आप अपने मन को स्थिर करें,और शांत रहे। 
  • अपने हाथों  की उंगलियों को चिन मुद्रा में कर ले।
  • अब अपनी सांसों को अपने से अपने तक धीमी गति में पहुंचाएं और छोरे। पहली बार में ही आप ज्यादा जोर ना लगाएं।
  • कुछ समय सामान्य गति में सांस लेने के बाद अब आप मध्यम गति में अपने सांसों को भरें और छोड़े। याद रखें कि आपको पूरा सांस भरना और छोड़ना है।
  • समय कुछ मध्यम गति में सांस भरने के बाद अब आप संपूर्ण तेजी से अपने सांसों को अंदर भरें और बाहर निकाले।
  • दूसरे तरीके में आप, आप अपने हाथों को अपने कंधे के पास ले कर आये और कंधे के सामान रखकर मुट्ठी बनाकर सांस लेते हुए मुट्ठी को ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए मुट्ठी को नीचे ले आए और मुट्ठी को अपने कंधे के बराबर रखें। ऐसा करते समय अपनी सांसो को तेजी से अंदर ले और बाहर छोड़े। जब आप सांस लेते हैं और हाथों को ऊपर उठाते हैं तो अपनी मुट्ठीयों को ऊपर जाते हुए खोल ले और जब नीचे लाते हैं तो मुट्ठीया फिर से बांध कर ले। इस प्रक्रिया को हर बार सांस लेते हुए और छोड़ते हुए दोहराना है। ध्यान रखें आपको अपने कंधों पर जोर नहीं लगाना है आपको अपना पूरा ध्यान सांसों को लेने और छोड़ने में केंद्रित करना है। 
Bhastrika Pranayam Benefits in Hindi
Bhastrika Pranayam Benefits in Hindi

भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे – Bhastrika Pranayama Benefits 

  • इस प्राणायाम से वात, पित्त और कफ तीनों संतुलित होते हैं। 
  • हम ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन शरीर के अंदर लेते हैं और ज्यादा मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ते है।  
  • क्योंकि इसमें सांस को तेजी से अंदर और बाहर छोड़ा जाता है, इसलिए ये हमारे शरीर में एक गर्माहट पैदा करता है, जिसकी वजह से शरीर से विषैले पदार्थों बाहर निकल जाता है।
  • शरीर के सभी ऊतकों में पोषण और ऊर्जा की आपूर्ति अच्छी तरह से होती है।
  • भस्त्रिका प्राणायाम से ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छी तरह से शरीर में होने लगता है। 
  • ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होने से रक्त वाहिकाओं से ब्लॉकेज को हटता हैं।
  • भस्त्रिका प्राणायाम से शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक होता है।
  • शरीर में जो अतिरिक्त चरबी होते हैं उसे निकालने में भस्त्रिका प्राणायाम बहुत मदद करता है 
  • भस्त्रिका प्राणायाम सेआपकी स्किन भी स्वस्थ करता हैं और स्किन में एक चमक या ग्लो  आता है।
  • आपको ज्यादा थकान महसूस नहीं होता, आप एक्टिव रहते हैं। 
  • इससे ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है।
  • भस्त्रिका प्राणायाम नियमित रूप से करने से ह्रदय संबंधित समस्याओं से भी मुक्ति मिलता है।
  • नियमित रूप से भस्त्रिका प्राणायाम करने से, जिन लोगों को नींद ना आने की समस्या है, उन लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि भस्त्रिका प्राणायाम करने की बाद सभी को अच्छी नींद आती है।
  • भस्त्रिका प्राणायाम फेफड़ों का अभ्यास है, जिससे फेफड़ों से संबंधित जो भी समस्या हैं उन सभी समस्याओं के लिए बहुत ही फायदेमंद है। 
  • जिन लोगों को अस्थमा की समस्या है अगर भस्त्रिका प्राणायाम की अभ्यास नियमित रूप से करते हैं तो इससे उन्हें बहुत लाभ मिलता है। यह अस्थमा को कम करने में बहुत मदद करता है। 
  • यह प्राणायाम श्वास संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। 
  • जिन लोगों को सर्दी-खांसी (cough-cold) की समस्या है उन लोगों में यह प्राणायाम बहुत ही लाभदायक है, नियमित रूप से भस्त्रिका प्राणायाम करने से ऐसी समस्याओं से मुक्ति मिलता है। 
  • यह प्राणायाम पेट संबंधित समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है, आपकी पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, जिससे कई तरह की पेट की समस्या से आप दूर रहते हैं। 
  • यह प्राणायाम इम्युनिटी को स्वस्थ रखने और बढ़ाने में बहुत मदद करता है।

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दिमाग के लिए भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे

इसका जो मुख्य काम है वह है भस्त्रिका प्राणायाम हमारे ब्रेन में बहुत सारी ऑक्सीजन को पहुंचाने का काम करता है। इससे हमें कई तरह के लाभ मिलते हैं। हमारे शरीर का 20% ऑक्सीजन हमारा दिमाग उपयोग करता है। और ऐसे में अगर हमें मानसिक परिश्रम ज्यादा करना पड़े जैसे कि हम ज्यादा टेस्ट ले रहे हैं, किसी तनाव से गुजर रहे हैं, बच्चे ज्यादा पढ़ाई कर रहे हैं, आपको कमलेश मिल रहा है और आप ऑफिस या अपने कार्य में ज्यादा अपने दिमाग का इस्तेमाल कर रहे हैं ऐसे में शरीर का आधा ऑक्सीजन भी हमारे ब्रेन को चाहिए होता है। जिसके कारण हमें बहुत सारे ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। भस्त्रिका प्राणायाम से हमें बहुत सारे ऑक्सीजन हमारे शरीर को प्राप्त होते हैं जिसके कारण हमारा शरीर ज्यादा कार्य करने में, एनर्जेटिक रहने में और हमारे यूनिट सिस्टम को सही तरीके से काम करने में मदद मिलता है। 

  • उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारे ब्रेन की न्यूरॉन्स  मरते चले जाते हैं। भस्त्रिका प्राणायाम हमें एक बहुत फायदा देता है कि हमारी जो न्यूरॉन्स है वह लंबे समय तक टिक पाते हैं। 
  • आइए जानते हैं इस समय हमसे हमारी ब्रेन को क्या-क्या फायदा मिलता है।
  • याददाश्त की क्षमता मरता है, हम चीजों से बहुत जल्दी और एक लंबे समय तक याद रख सकते हैं। 
  • दिमाग है ऑक्सीजन की कमी ना होने के कारण हम किसी भी चीज पर अच्छी तरह से ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। हमारे ध्यान देने की जो चलता है वह बढ़ जाता है यानी कॉन्सन्ट्रेट लेवल बढ़ जाता है।
  • यह प्राणायाम जिन लोगों को तनाव की समस्या है उन लोगों को जरूर करना चाहिए इससे तनाव दूर होते हैं।
  • मन और दिमाग को शांत रखता है जिससे आप परेशानियों से दूर रहते हैं, आपका दिमाग तेज रहता है और आपको चिंता से मुक्ति मिलता है। 

भस्त्रिका प्राणायाम के नुकसान – Bhastrika Pranayama Side-Effects

किसी भी प्राणायाम को करने से आपको कोई भी नुकसान देखने को नहीं मिलता, लेकिन अगर आपने इस प्राणायाम को कहने से पहले इसके सावधानियों को बिना जाने ही किया तो आपको नुकसान हो सकता है। क्योंकि हमें हर सावधानियों को जानने के बाद ही प्राणायाम करना चाहिए। इसलिए नीचे दिए गए सावधानियों को अच्छी तरह जान ले इसके बाद  ही भस्त्रिका प्राणायाम को करें, और आपको यह भी बता दे कि अगर आप कोई भी प्राणायाम सही तरीके से नहीं करते या इसकी विधि को बिना जाने ही करते हैं तो आपको नुकसान हो सकता है या फिर आपको कोई भी फायदा नहीं मिलता है इसीलिए आप इसको सही तरीके से करें। 

भस्त्रिका प्राणायाम की सावधानियां क्या है – Precautions of Bhastrika Pranayama in Hindi

  • जिन लोगों को कंधे गर्दन में दर्द या सूजन है वह लोग इस प्राणायाम को ना करें जब यह समस्या ठीक हो जाए उसके बाद करें। 
  • अगर किसी को ह्रदय संबंधित कोई समस्या है तो ऐसे में इस प्राणायाम को आप ना करें। 
  • जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है वह लोग इस प्राणायाम को ना करें। 
  • जिन लोगों को कोई बड़ी बीमारी है या फिर कई दिनों से बीमार है ऐसे में आप इस प्राणायाम को ना करें। 
  • अगर आपने ज्यादा कमजोरी है, या अक्सर कमजोर रहते हैं तो ऐसे में यह पहला या ना करें। 
  • गर्भवती महिलाएं इस प्राणायाम को ना करें।
  • ज्यादा गर्मियों के मौसम में इस प्राणायाम को करने से पहले थोड़ा सावधान रहें, क्योंकि इससे शरीर बहुत ही गर्म होता है। 
  • किसी सर्जरी या ऑपरेशन के बाद यह प्राणायाम ना करें। 
  • ज्यादा उम्र के लोग, जो पहले से नियमित रूप से प्राणायाम नहीं कहते हैं वह लोग इस प्राणायाम को ना ही करें तो अच्छा है। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q. क्या भस्त्रिका प्राणायाम से नुकसान होता है?

  • जी नहीं, किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को भस्त्रिका प्राणायाम से नुकसान नहीं होता है। लेकिन अगर कोई बीमार व्यक्ति  करें।  

Q. भस्त्रिका कितनी देर करना चाहिए?

  • आप रोजाना इसे 10 से 15 मिनट तक कर सकते हैं।

Q. भस्त्रिका प्राणायाम कब करना चाहिए?

  • भस्त्रिका प्राणायाम खाली पेट करना चाहिए, इसलिए आप इसे सुबह को करना ठीक रहता है, पर इसे सुबह या शाम कर सकते है. बस आपका पेट 3/4 घंटे का खली होना चाइए।

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