आज इस लेख में हम आपके लिए प्राणायाम कैसे करें (Pranayam kaise kare) इसके बारे में सही विधि, इससे पहले प्राणायाम करने से पहले आपको किन किन बातों पर ध्यान देना चाहिए, प्राणायाम के नियम क्या है, इन सब बातों को हम लेकर आए हैं।
जैसा कि हमें पता है प्राणायाम श्वास का एक ऐसा व्यायाम है जिससे हमें अद्भुत फायदे या लाभ देखने को मिलते हैं। इसलिए हमें प्राणायाम कैसे करे जानना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि अगर हमने सही तरीके से प्राणायाम नहीं किया तो इससे हमें कोई भी फायदा नहीं मिलता है और अगर हमने इसे गलत तरीके से किया तो इससे हमें नुकसान भी हो सकता है।
प्राणायाम के नियम
प्राणायाम करने से पहले हमें इसके नियम जान लेना बहुत जरूरी है। इन नियमों का पालन करने के बाद ही प्राणायाम शुरू करें। चलिए जानते हैं प्राणायाम करने से पहले हमें क्या-क्या नियम फॉलो करना चाहिए।
- प्राणायाम करने से पहले आपका पेट खाली होना चाहिए। कम से कम तीन-चार घंटे आप अपने पेट को खाली रखें उसके बाद ही प्राणायाम करें। इसीलिए प्राणायाम को सुबह करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि सुबह एक लंबे समय तक हमारा पेट खाली रहता है ऐसे में प्राणायाम करना सही माना जाता है।
- प्राणायाम करने से पहले आप अपने मन को शांत रखें। गुस्सा, क्रोध, चिंता इन सब से दूर होकर प्राणायाम के लिए बैठे। अप योगाभ्यास पर ध्यान केंद्रित करें, या फिर परमात्मा को स्मरण करते हुए अपना ध्यान लगाएं।
- आप अपने सांस को नाक से लेते और छोड़ते हैं इस परिस्थिति में आप अपनी मुंह बंद रखें और मुंह से सांस अंदर या बाहर ना जाने दे।
- आप जहां पर भी बैठे हुए हैं, अपने रीढ़ की हड्डी को सीधी रखें अपनी गर्दन को सीधा रखें और सर को भी सीधा रखकर ही प्राणायाम का अभ्यास करें।
- प्राणायाम करते समय एक शांत माहौल में करें, जहां पर कोई शोर शराबा ना हो इसीलिए इसे प्रातः काल करना उचित रहता है। ताकि आपका मन शांत रहें और आप पूरे ध्यान से इसे कर पाए।
- एक ऐसे स्थान का चुनाव करें जहां पर हवा और रोशनी आप पर पड़े, इसलिए आप जब भी प्राणायाम का अभ्यास कर रहे हैं जितना हो सके खिड़की के पास, छत पर या फिर किसी खुले मैदान का चुनाव करें।
- प्राणायाम करने से पहले आप पानी का सेवन कर सकते हैं लेकिन इसके अलावा आप चाय, कॉफी, या कोई मेडिसिन, या कोई भी आहार ग्रहण ना करें।
- अपनी आंखों को बंद करते हुए गहरी सांस लें और गहरी सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे से अपनी सांसों को लेते और छोड़ते रहे, उसके बाद ही प्राणायाम का अभ्यास करें।
- किसी गंभीर बीमारी के दौरान आप कोई भी योगाभ्यास ना करें, या फिर करने से पहले अपनी डॉक्टर से सलाह करके ही करें।
- प्राणायाम करने के तुरंत बाद की नहाने के लिए ना जाए। कम से कम आधे घंटे के बाद की नहाने के लिए जाए। अगर आप प्राणायाम करने से पहले नहा कर करते हैं तो यह बहुत ही अच्छा होता है, आप जितना हो सके पेट साफ करके नहाने के बाद प्राणायाम करें।
- इसी प्रकार, आप प्राणायाम करने के तुरंत बाद की चाय कॉफी या आहार ग्रहण ना करें, अगर आपको कोई मेडिसिन भी लेना है तब भी आप कम से कम आधा घंटा रुके और इसके बाद भी आपको एक ही चीज खा सकते हैं।
- आप जब भी प्राणायाम करते हैं उतना देर ही करें जितना आप आराम से कर पाते हैं। अधिक शक्ति और अधिक कष्ट करके प्राणायाम ना करें इससे आपको हानि हो सकता है।
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प्राणायाम कब और कैसे करें?
आइए जानते हैं प्राणायाम कब और कैसे करना उचित रहता है। इसके लिए हमें कुछ जरूरी बातों को भी जानना जरूरी है, जैसे कि
प्राणायाम किस समय करना चाहिए?
प्राणायाम को करने के लिए एक सही समय चुनना बहुत ही जरूरी है। वैसे तो हम अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं क्योंकि आजकल सभी लोग बहुत ही व्यस्त हैं और उन्हें हर काम के लिए समय निकालना पड़ता है। फिर भी हमें प्रातः काल ही इसे करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि हमें एक लंबे समय पेट को खाली रखना पड़ता है और इसके बाद हम प्राणायाम कर सकते हैं। और इसके साथ सुबह का समय एक येसा समय होता है जिस समय हमारा मन शांत रहता हैं और हम अपने मन का ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इसलिए हमे प्राणायाम सुबह को करना चाहिए।
प्राणायाम करने के लिए सही स्थान क्या है?
प्राणायाम हमें एक खुले स्थान पर करना चाहिए। खुले स्थान पर ताजी शीतल हवा आपको प्राप्त होते हैं और सुबह के समय की रौशनी एवं धुप भी आपको प्राप्त होते हैं। प्राणायाम एक सांस का अभ्यास है, और इसलिए आपको खुली जगह पर प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए, जहां पर ताजी हवा निरंतर आपको मिलती रहे।
प्राणायाम के लिए किस आसन पर बैठे?
प्राणायाम करने के लिए किस आसन पर बैठे यह जानना बहुत ही जरूरी है। प्राणायाम के लिए आप सुखासन,पद्मासन, वज्रासन या सिद्धासन इनमें से किसी भी आसन पर बैठ जाएं। इनमें से सबसे आसान है सुखासन अगर आप किसी और आसन में नहीं बैठ पाते तो आप सुखासन में बैठकर इस आसन को करें।यह है सही स्थिति बैठने की। लेकिन अगर आप किसी आसन में नहीं बैठ पाते तो आप किसी चेयर पर बैठ कर दी इस आसन को कर सकते हैं लेकिन इस बात को ध्यान दें कि आपके रीढ़ की हड्डी और गर्दन सीधी हो। तभी आप को प्राणायाम का फायदा मिलेगा।
प्राणायाम करते समय हाथों की मुद्रा क्या होनी चाहिए?
प्राणायाम करने के लिए आप अपने हाथों की मुद्रा को वायु मुद्रा, शुन्य मुद्रा, आकाश मुद्रा, पृथ्वी मुद्रा, सूर्य मुद्रा, वरुण मुद्रा या अपान मुद्रा, इनमें से जो भी आप करना चाहे कर सकते हैं।
प्राणायाम कितने समय के लिए करें?
अगर कोई पहली बार इसे कर रहे हैं तो आप इसे ज्यादा समय के लिए ना करें, आप इसे 15 से 20 बार या 2 से 3 मिनट तक ही करें, इसके बाद धीरे-धीरे समय को बढ़ाते हुए आप इसे आधे घंटे तक कर सकते हैं। अगर आप कोई समस्या को दूर करने के लिए इसे कर रहे है तो आप इसे बीच में रेस्ट लेकर 45 मिनट से 1 घंटे तक कर सकते हैं।
इसके साथ आपको यह भी बता दें कि प्राणायाम करते समय अगर आपको कोई समस्या या असुविधा का सामना करना पड़े तो आप इसे तुरंत ही रोक दें, और अगर फिर से करने पर आपको फिर से कोई समस्या आती है तो आप इसे बंद कर दें। और किसी डॉक्टर या किसी योगा ट्रेनर के सलाह से ही करें।
प्राणायाम दिन में कितनी बार करें?
आप प्राणायाम को दिन में दो बार कर सकते हैं सुबह और शाम। ऐसा नहीं है कि आप को दो बार ही करना पड़ेगा, अगर आपके पास समय है और आप करना चाहते हैं तो आप इसे दिन में दो बार कर सकते हैं इससे आपको ज्यदा और कम समय में ही फायदा देखने को मिलेगा।
प्राणायाम किस ओर देखकर करें?
प्राणायाम करते समय आप अपने मुंह को पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर करके बैठ जाए।
प्राणायाम कितने दिनों के लिए करना चाहिए?
जैसे हम रोज ही आहार ग्रहण करते हैं वैसे ही हमें अपने योगाभ्यास को रोज ही करना चाहिए। प्राणायाम जितना हो सके हमें रोज ही करना चाहिए, तभी हमें इसका फायदा मिलता है। जैसे कि हम रोज आहार ग्रहण करते हैं और उससे हमें पोषण मिलता है और किसी दिन अगर हम आहार ग्रहण ना करें तो हमें पोषण नहीं मिलेगा उसी प्रकार अगर हम रोजाना प्राणायाम करते हैं तो हमें इसका फायदा मिलता है और अगर हम इसमें विराम लगाते हैं और नहीं करते हैं तो हमें इससे फायदा नहीं मिलता है इसलिए हमें प्राणायाम रोजाना करना चाहिए।
कई लोगों के मन में यह सवाल है कि हम कब तक प्राणायाम करें, तो आपको बता दें इसे सदा के लिए कर सकते हैं ऐसा नहीं है कि आपने एक महीना या 2 महीना या 1 साल के लिए ही इसे करना है। आप इसे सदा के लिए कर सकते हैं, जिससे आप हमेशा ही निरोगी और फित रहेंगे। और अगर आप किसी समस्या का समाधान करने के लिए प्राणायाम कर रहे हैं तो जब तक आपका समस्या समाधान ना हो जाए तब तक आप रोजाना जरूर करें और उसके बाद भी आप इसे रेगुलर कर सकते हैं।
प्राणायाम करते समय कैसे वस्त्र पहने?
प्राणायाम करते समय आपको अपने वस्त्रों पर जरूर ध्यान देना चाहिए। प्राणायाम करते समय आप बहुत ज्यादा या तायत कपड़ों का परिधान ना करें। आरामदायक वस्तु का वर्णन करें ताकि आप आराम से बैठ पाए और सांस लेते समय आपको कोई समस्या ना हो।
प्राणायाम कैसे किया जाता है – Pranayam Steps in Hindi
यह जानें आवश्यक है की प्राणायाम कैसे किया जाता है, प्राणायाम प्राणायाम आप तीन प्रक्रिया में कर सकते हैं। अब जानते हैं प्राणायाम आप सही और सरल तरीके से कैसे कर सकते हैं।
पूरक, रेचक, कुम्भक क्या है?
प्राणायाम करने के तीन प्रक्रिया होते हैं। सबसे जो आसान और सरल प्रक्रिया है वह है पूरक, इसके बाद जब पूरी तरह से प्राणायाम कर पाते हैं तब आप इसकी दूसरी प्रक्रिया कुंभक को कर सकते हैं, कुंभक को करने के बाद जो आखिरी प्रक्रिया है वह होता है रेचक।
- नियमित सरल तरीके से सांस लेना और छोड़ने की प्रक्रिया को ही पूरक कहते हैं, ध्यान दें सांस लेना और छोड़ना समान समय और गति में होना चाहिए।
- सांस लेने के बाद कुछ समय अपने भीतर रोक कर रखने की प्रक्रिया को ही कुंभक कहा जाता है। आप जितने समय के लिए भीतर सांस को रोक सकते हैं उतने समय के लिए ही रोककर रखें, ऐसा नहीं है कि आपको बहुत ही जोर लगाकर यह काम करना है।
- सांस को अंदर रोक कर रखने के बाद नियंत्रित गति में जब आप इसे बाहर छोड़ देते हैं तो इसे रेचक कहा जाता है।
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प्राणायाम कैसे करें
आप शांत हो कर बैठे, और आंखें बंद करके अपने ध्यान को सांसों की तरफ केंद्रित करके, धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहे।
सांस लेते समय पूरे सांस को अंदर भरे और पूरे सास को बाहर निकाले। सांस लेना और छोड़ने का समय समान अनुपात में और गति में होना चाहिए।
आप सांस को जोर-जोर करके ना ले और जोर-जोर कर के ना छोड़े। छोड़ने के समय आप ज्यादा सांस ना छोड़े जितना सांस आपने लिया है उतना सांस ही आप बाहर निकाले।
प्राणायाम करते समय आपको बल या शक्ति का प्रयोग नहीं करना है।
अगर आप इसे पहली बार कर रहे हैं तो 10 से 15 बार करने के बाद थोड़ा रेस्ट करें और इसके बाद फिर से इसी प्रक्रिया को दोहराएं। ऐसा आप 2 से 3 मिनट या फिर 5 मिनट तक करें, और इसके बाद छोड़ दे। अगले दिन फिर से ऐसे ही प्रयास करें।
कुछ दिनों के बाद आप इसे करने का समय बढ़ाएं और धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर आधे घंटे तक कर सकते हैं।
प्राणायाम करते समय कुछ भी समस्या होने पर इसे बंद करें और डॉक्टर से सलाह करें।
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ऊपर दिए गए बातों को अच्छी तरह से समझने के बाद ही आप प्राणायाम की शुरुआत करें। इसके साथ ही आपको बता दें अगर आप पहली बार कर रहे हैं तो इसे किसी प्रशिक्षक के प्रशिक्षण में रहकर ही करना उचित रहेगा।