हो सकता है आप में से कई लोगों को उज्जायी प्राणायाम (Ujjayi Pranayama in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। या हो सकता है आपको इसके बारे में पता है लेकिन संपूर्ण रूप से इसके बारे में नहीं जानते। हो सकता है आपके मन में कई प्रश्न है के उज्जायी प्राणायाम क्या है, सही तरीके से उज्जायी प्राणायाम कैसे करें, इसके साथ उज्जायी प्राणायाम के फायदे क्या है, किस प्रकार से उज्जैन सनम के लाभ हमें मिलता है, इन सब प्रश्नों का उत्तर ही आज हम आपके लिए इस लेख के जरिए लेकर आए हैं।
प्राणायाम सांस से जुड़ी एक लाभदायक योग है, और इसलिए उज्जायी प्राणायाम थी सांस से संबंधित है। उज्जायी प्राणायाम से हमें कई प्रकार के अद्भुत लाभ होते हैं, लेकिन हममें से ज्यादातर लोगों को ही यह नहीं पता कि इसे सही तरीके से कैसे किया जाए, क्योंकि सही तरीके से करने से ही आपको लाभ मिलते हैं आइए सबसे पहले जानते हैं उज्जायी प्राणायाम क्या है।
क्या है उज्जायी प्राणायाम- what is ujjayi pranayama
उज्जाई प्राणायाम, प्राणायाम कहीं एक भाग है। क्योंकि प्राणायाम सांस लेने और छोड़ने की एक तकनीक है, इसलिए उज्जाई प्राणायाम में भी हमें अपने सांसों को एक प्रक्रिया से लेना और छोड़ना होता है। संस्कृत शब्द क्या है उज्जायी का अर्थ विजय प्राप्त करना होता है।
अब प्रश्न है विजय हमें किस पर प्राप्त करना है, विजय हमें किसी चीज या दूसरे व्यक्ति के ऊपर नहीं पाना। हमें विजय खुद पर पाना है, और उज्जायी प्राणायाम से हम खुद पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। खुद पर विजय प्राप्त कहने का अर्थ है, हमारे मन में और भीतर जो नकारात्मक ऊर्जा है, उस नकारात्मक उर्जा पर विजय प्राप्त करना है, जो हम उज्जायी प्राणायाम से कर सकते हैं। उज्जायी प्राणायाम हमारे भीतर की नकारात्मक ऊर्जा पर विजय प्राप्त करके हमें सकारात्मक उर्जा पाने में मदद करता है और हमारे मन को शांति प्रदान करता है।
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उज्जायी प्राणायाम कैसे करते हैं?
हम सब सांस अंदर लेते हैं, तो हमारे गले को थोड़ा सा संकुचित करते हुए सांस लेते समय एक आवाज निकाल कर सांस को अंदर लेना चाहिए और स्वस्थ को बाहर छोड़ना चाहिए। यह उज्जाई प्राणायाम का बहुत ही सरल और सिंपल परिभाषा है कि हम इसे कैसे कर सकते हैं। एक बिगिनर्स उज्जाई प्राणायाम को करते हैं तो यह बहुत ही सिंपल तरीके से करें। आइए अब जानते हैं सही तरीके से उज्जायी प्राणायाम कैसे करें।
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उज्जायी प्राणायाम कैसे करें – How to do Ujjayi Pranayama in Hindi
- उज्जायी प्राणायाम बहुत ही सरलता से किया जाता है।
- आप किसी भी एक आसन, जैसे सुखासन हो या पद्मासन या अन्य आसन में आराम से बैठ जाए।
- अगर आप नहीं बैठ पाते हैं तो आप इससे खड़े होकर या फिर लेट कर भी कर सकते हैं।
- अपनी आंखों को बंद कर दे।
- आप अपने दोनों भौहें (Eyebrows) बीच में अपने ध्यान को केंद्रित करें।
- अब आप अपने हाथों को ध्यान मुद्रा, वायु मुद्रा, चिन मुद्रा या ज्ञान मुद्रा में कर लीजिए।
- इस बात पर ध्यान दें कि आपका गला और रीढ़ की हड्डी सीधी हो।
- अगर नाक से हीरे से और गहरी सांसे भरे और निकाले जिसमें आपको अपने गले का प्रयोग करना है।
(कई लोग सांस को अंदर लेते समय एक जोर से आवाज निकालते हैं, लेकिन आप जब इसे सही तरीके से करते हैं तो यह आवाज इतना बड़ा नहीं होता, यह सिर्फ आपके गले की एक घर्षण की आवाज है जो बहुत ही कम आवाज का होता है जिसे केवल आप ही महसूस कर सकते हैं)
- जब आप सांस को अंदर खींचते हैं तब ध्यान दें, कि जब आप आपके सांस को अंदर खींचते हैं तो अपने गले को संकुचित करके आपका का मुंह बंद करके सांस को गले से अंदर ले। और इसी प्रकार से आपको सांस बाहर ही तोड़ना है।
(सांस अंदर और बाहर लेने की यह प्रक्रिया ही बहुत महत्वपूर्ण है इसे अच्छी तरह से समझे – पहले आप मुंह को खोल के सांस को गले से बाहर और अंदर निकालने की कोशिश करें, आप महसूस कर सकते हैं कि आपकी सास गले से बाहर और अंदर जा रही है, अब आप इस प्रैक्टिस को दोहराते हुए मुंह को धीरे से बंद करें और इसी सांस को अंदर लेते समय नाक का प्रयोग करें। सांस को आप जब अंदर लेते हैं और बाहर छोड़ते हैं आपके गले में घर्षण पैदा होता है)
- चाहे तो इसे लंबा भी खींच सकते हैं और इसे छोटा छोटा करके भी सांस को ले सकते हैं।
- आपको पूरा ध्यान अपने गले पर ही लगाना है। जब आप इसे लगातार करेंगे तो कुछ दिनों के बाद आपको अभ्यास हो जाएगा।
- आप जब भी हवा को अंदर लेते हैं, तब आप अपने फेफड़ों पर हवा भरे और फेफड़ों को फुला ले।
- और इसी प्रक्रिया में फिर से सांस लें और छोड़े।
(अगर आपको सांस लेते समय या छोड़ते समय खांसी आती है,तो आप धीरे से करें)
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उज्जायी प्राणायाम कब करें – When to do Ujjayi Pranayama
आप उज्जायी प्राणायाम को सभी प्राणायाम के बाद करें, यानी कि आप अगर कोई प्राणायाम कर रहे हो उन सब के बाद ही उज्जायी प्राणायाम को करें। अन्य प्राणायाम की तरह आपसे अगर सुबह करते हैं तो यह ज्यादा अच्छा रहता है। आप इससे अन्य समय भी कर सकते हैं।
उज्जायी प्राणायाम कितने समय तक करें – How long to do Ujjayi Pranayama
शुरुआत में आपसे 5 मिनट तक करें इसके बाद धीरे-धीरे आप इसे 10 से 20 मिनट तक कर सकते हैं।
शुरुआत में आप इसे धीरे धीरे और बीच बीच पर रुक रुक के कर सकते हैं। इसके बाद धीरे धीरे आप अपने सांसों को देर तक भीतर रखने की कोशिश करें, और प्राणायाम की समय को बढ़ाएं।
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उज्जायी प्राणायाम के फायदे – Ujjayi Pranayama Benefits in Hindi
उज्जायी प्राणायाम के हमें कई फायदे देखने को मिलते हैं
- उज्जायी प्राणायाम से मन को शांत और मन में शांति ला सकते है। इसलिए इसे मन में विजय प्राप्त करने का प्राणायाम कहा जाता है।
- साइनस, जुकाम, सर्दी खांसी को कम करता है।
- जिन लोगों को रात में सोने के बाद खर्राटे की समस्या है, ये प्राणायाम उसे दूर करता है।
- हाई ब्लड प्रेशर के लिए भी बहुत ही अच्छा है।
- जिन लोगों को अस्थमा या सांस संबंधीत समस्या है, उसके लिए भी फायदेमंद है।
मस्तिष्क के लिए उज्जायी प्राणायाम के फायदे – Ujjayi Pranayama Benefits for Brain in Hindi
- ये हमारे ब्रेन में काफी सारा ऑक्सीजन भर देता है, जिस से हमे ब्रेन संबंधित कई सारे फायदे मिलते है।
- हम तनाव से दूर रहते है। जब भी मन में चिंता आये तब ये प्राणायाम करने से मन में शान्ति प्राप्त होता है।
- आप में कॉन्फिडेंस आता है और याददाश्त भी बढ़ जाता है ।
- नींद ना आने से सोने से पहले इसे करे।
- कुछ लोगों में चक्कर आने की समस्या रहती है। इस प्राणायाम से चक्कर आने की समस्या कम होता है।
- सिर दर्द, माइग्रेन की समस्या को भी दूर करता है।
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उज्जायी प्राणायाम से थायराइड में लाभ – Ujjayi Pranayama Cure Thyroid in Hindi
- सबसे बड़ी बात ये गले की सारी समस्याओं के लिए बहुत ही फायदेमंद है, जैसे मुख्य रूप से थायराइड की समस्या ये थायराइड को नियंत्रित करने में मदद करता है। Ujjayi Pranayama आपको थायराइड की कोई भी समस्या से बचाता है।
- इसके साथ तोंसिल आदि की समस्या के लिए बहुत ही अच्छा है।
ये बहुत ही लाभदायक प्राणायाम है। आप कोई भी समस्या का इंतजार न करे, अगर आप इसे पहले से ही करते है तो आपको कोई भी समस्या नहीं देखने को मिलता है।